कुर्सी नीचे से चली गई है, उस बात का बीजेपी को गुस्सा है : उपेंद्र कुशवाहा

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
बिहार में जबसे नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर सरकार बनाई है, उसके बाद से ही बीजेपी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए है। वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी बीजेपी पर पलटवार करने से नहीं चूक रहे हैं। इसी आक्रामकता को लेकर जेडीयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि बीजेपी को किसलिए गुस्सा आ रहा है।
उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी अनर्गल और गैर संवैधानिक मुद्दों को लेकर आगे बढ़ती है। बीजेपी का काम है कि धर्म में लोगों को बांटों और वोट लो। बीजेपी के लोग नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर इसलिए आक्रामक है क्योंकि कुर्सी उनके नीचे से चली गई है। इसलिए स्वाभाविक है और उनके अंदर गुस्सा है। इससे क्या फर्क पड़ता है? बीजेपी वाले हमारी पार्टी और हमारी विचारधारा को समाप्त करने के लिए लगे हुए थे।”
उपेंद्र कुशवाहा ने जातीय जनगणना पर कहा, “हमारा संविधान भी कहता है कि सरकार सामाजिक गैर बराबरी खत्म करने के लिए योजना बनाए। 1921 की जनगणना के अनुसार बनने वाली योजना उतना लाभ नहीं दे पाएगी, जितना कि लोगों को मिलना चाहिए। समय-समय पर कई बार कोर्ट ने भी कहा है कि फ्रेश आंकड़ा चाहिए। जब तक फ्रेश आंकड़ा नहीं आता है तब तक कोई भी सरकार हो, काम नहीं कर पाएगी।”
उपेंद्र कुशवाहा ने आगे भारत सरकार से मांग रखते हुए कहा, “जब तक जातीय जनगणना नहीं होती है, तब तक गरीबों, दलितों और सामान्य वर्ग के गरीब लोगों का भी भला नहीं हो पाएगा। हम भारत सरकार से इसे कराने की मांग करते हैं। जब तक भारत सरकार नहीं कराती है, इसलिए उसके पहले बिहार सरकार ने इसे कराने का निर्णय लिया है और इसके लिए हम बिहार की सरकार का धन्यवाद करते हैं।”
बता दें की बिहार के राजनीतिक दल काफी लंबे समय से जातीय जनगणना की मांग करते आ रहे हैं। नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ गठबंधन वाली सरकार में मुख्यमंत्री थे, उस दौरान भी उन्होंने सर्वदलीय बैठक कर केंद्र सरकार से इसकी मांग रखी थी। वहीं जब नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाई है, उसके बाद से उनकी पार्टी खुलकर जातीय जनगणना के समर्थन में आ गई है।

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